मेरठ. आजादी के बाद मेरठ शहर में बेगम समरू ने बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ एक साधारण-सी चर्च का निर्माण करवाया। इस चर्च में नर्ई डायस के विशप इटली से मंगवाया माता मरियम का चित्र लगवाया गया। इस मौके पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मां मरियम का यह चित्र बेहद चमत्कारी सिद्ध हुआ, हो भी क्यों नहीं, सच्ची अस्था-श्रद्धा से की गई प्राथना कभी खाली नहीं जाती है, यही बात मेरठ की इस सरधना चर्च में भी साबित हुई। धीरे-धीरे लोग माता मरियम के पास अपनी समस्याएं लेकर आने लगे।
एक गंभीर रूप से बीमार बेटे की मां अपने बेटे का इलाज नहीं होने से परेशान थी। वह माता मरियम के दरबार में अपने बैटे के स्वस्थ होने की मन्नत मांगने आई थी। उनके साथ उनका बीमार बेटा भी था। मासूम बालक ने मां की तस्वीर को हाथ से छू लिया। जैसे ही बच्चे नहीं तस्वीर को छूआ, वैसे ही वह सेहतमंद हो गया। फिर क्या था, इस चमत्कार की बातें होने लगी और लोग अपनी समस्याएं लेकर आने लगे। इसी चमत्कार के बाद 7 नवंबर को यहां एक विशेष मेले का आयोजन होने लगा।
मेरठ में बना तीर्थ स्थल
मेरठ शहर में बेगम समरू ने बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ एक साधारण-सी चर्च का निर्माण करवाया, लेकिन एक सच्ची घटना के बाद यह चर्च एक तीर्थ के रूप में है। यहां कई लोगों की समस्याएं दूर हो जाती है।
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Meri mannt poori ho meri gvt job lg jaye mata mariym