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चंद्रमा बनेगा गाइड! पूर्णिमा की पहेली सुलझाएंगे, या उलझेंगे और?

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस पवित्र दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है, खासकर सत्यनारायण पूजा के माध्यम से। मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत रखने से मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, जिन लोगों की जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर या अशुभ स्थिति में है, वे भी चंद्रमा की पूजा कर और अर्घ्य देकर कष्टों को कम कर सकते हैं।

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2024 की पूर्णिमा भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उत्तर भारत में इसे पूर्णिमा कहा जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे पौर्णमी या पौर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत को पौर्णमी व्रत कहा जाता है।

 

हिंदू धर्म में पूर्णिमा को पवित्र और दिव्य माना जाता है। चंद्रमा की किरणों का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। ज्योतिषीय रूप से, चंद्रमा मन, भावनाओं, संवेदनाओं, जल और माता से जुड़ा हुआ है। इसलिए, जिन्हें जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर या अशुभ स्थिति में है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें, ताकि चंद्रमा से संबंधित कष्टों से मुक्ति मिल सके।

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