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500 साल बाद भारत का बदला नक्शा! क्या सिर्फ मंदिर बना है या कुछ और? चौंकाने वाली सच्चाई!

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में श्री रामलला के प्राण-प्रतिष्ठान को 500 साल के भारतीय गौरव की परिणति बताते हुए स्वामी गोविंद देव गिरि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गहन आध्यात्मिकता और विस्तृत तैयारियों की सराहना की। उन्होंने इस आयोजन को भारत की पहचान और आत्मविश्वास के लिए महत्वपूर्ण बताया।

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स्वामी गिरि ने श्री मोदी के सनातन धर्म के प्रति समर्पण की प्रशंसा करते हुए उनके 11 दिन के उपवास, मंदिर दर्शनों और भूमि पर सोने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठान पूरे देश और विश्व में प्रकाश पर्व का शुभारंभ है। उन्होंने श्री मोदी को समारोह को सिर्फ राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि सच्चे “सनातन के विवेक” की अभिव्यक्ति के रूप में देखने के लिए भी सराहा।

 

गिरि जी ने बताया कि संतों ने प्रधानमंत्री को तीन दिन का उपवास करने की सलाह दी थी, लेकिन मोदी ने कठोर अनुशासन के साथ इसे बढ़ाकर ग्यारह दिन कर दिया। विभिन्न मंदिरों के दर्शन और भूमि पर सोने सहित सिफारिशों का पालन करके श्री मोदी ने आयोजन के गहन आध्यात्मिक आयाम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया।

 

गिरि जी ने मोदी जैसे दूरदर्शी नेता के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके पराक्रम से युग बदलते हैं। रामलला की मूर्ति का अनावरण मोदी के नेतृत्व में एक परिवर्तनकारी युग का प्रतीक है। समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। पारंपरिक नागर शैली में निर्मित भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रमाण है।

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