दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व भारतपे सह-संस्थापक अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्नी मधुरी जैन के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने से इनकार कर दिया है। यह फैसला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा किए जा रहे कथित 81 करोड़ रुपये के फिनटेक धोखाधड़ी की जांच के बीच आया है।
अदालत ने माना कि जांच के शुरुआती चरण में ही इस स्तर पर एलओसी को अनुचित घोषित करना जल्दबाजी होगी और जांच की प्रारंभिक स्थिति को स्वीकार किया। दंपति ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी, यह दावा करते हुए कि नवंबर में जारी किया गया एलओसी अनावश्यक था क्योंकि वे जांच अधिकारी के साथ लगातार सहयोग कर रहे थे। न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली अदालत ने मामले को 8 मई तक के लिए स्थगित कर दिया, इस बात पर जोर देते हुए कि इस स्तर पर हस्तक्षेप करना अनुचित होगा।
अधिवक्ता अखिलेश तालुरी द्वारा प्रस्तुत याचिका में तर्क दिया गया था कि एलओसी जारी करना परिपत्र जारी करने के संबंध में कार्यालय ज्ञापन का उल्लंघन करता है। अदालत का फैसला चल रही जांच और पूर्व भारतपे सह-संस्थापक और उनकी पत्नी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जटिलता को देखते हुए सतर्कतापूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है।