अगस्त के महीने में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। सबसे पहले शुरुआत शुक्र ग्रह से होगी। वर्तमान में वक्री गति से चल रहे शुक्र 7 अगस्त को सिंह से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। उसके बाद सूर्य 17 अगस्त को अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इसके अगले की ही दिन मंगल सिंह से निकलकर बुध की राशि कन्या में आ जाएंगे। इसी दिन शुक्र कर्क राशि में उदित होंगे। सबसे आखिर में 24 अगस्त को बुध सिंह राशि में वक्री चाल से चलना आरंभ कर देंगे। ग्रहों की स्थिति में होने वाले ये बदलाव राशि चक्र की 5 राशियों के लिए बहुत ही शुभ परिणाम देने वाले माने जा रहे हैं। इन्हें इस दौरान करियर में उन्नति के साथ ही दौलत शौहरत भी हासिल होगी।
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विशेष भूमिका होती है। सभी ग्रह एक नियमित अंतराल पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन के अलावा सभी ग्रह की समय-समय पर चाल बदलती रहती है जिसका भी प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में आने वाला अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण रहने वाला होगा। अगस्त में कई ग्रह अपनी राशि तो बदलेंगे ही साथ ही कुछ ग्रह की चाल में बदलाव भी देखने को मिलेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह के परिवर्तन से जातकों के जीवन के साथ देश-दुनिया में भी काफी हलचल देखने को मिल सकती है।
शुक्र ग्रह का गोचर
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सबसे पहले 07 अगस्त 2023 को सुख और वैभव के कारक ग्रह शुक्र वक्री चाल से चलते हुए कर्क राशि में गोचर करेंगे। शुक्र का गोचर काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि के स्वामी ग्रह माने जाते हैं। शुक्र का गोचर काल करीब 23 दिनों क होता है। अगस्त में शुक्र का चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर करना कई राशि वालों के लिए वरदान साबित हो सकता है। शुक्र के कर्क राशि में यात्रा करने के कारण मिथुन और वृश्चिक राशि के जातकों विशेष लाभ मिलने की संभावना है। अगस्त में इन दोनों ही राशि के लोगों को भाग्य का अच्छा साथ मिलने की संभावना है।
शुक्र होंगे अस्त
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि 07 अगस्त को जहां शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे फिर इसके अगले ही दिन यानी 08 अगस्त को इसी राशि में अस्त भी हो जाएंगे। फिर शुक्र इस राशि में 02 अक्तूबर तक इसी राशि में रहेंगे फिर इसके बाद 4 सितंबर 2023 को मार्गी हो जाएंगे। अगस्त में शुक्र के अस्त होने से कुछ राशि के जातकों को मिलाजुला परिणाम देखने को मिलेगा।
सूर्य का गोचर
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्यदेव 17 अगस्त 2023 को अपनी ही राशि यानी सिंह राशि में गोचर करेंगे। 17 अगस्त को सूर्य 01:23 मिनट पर प्रवेश करेंगे। सूर्य के स्वयं की राशि में गोचर करना कई राशि के लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। सूर्य का यह गोचर सिंह राशि समेत धनु और मकर राशि वालों के जीवन में कुछ नया लेकर आने के संकेत हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इन राशि वालों का बहुत फायदा मिल सकता है।
मंगल का गोचर
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य के गोचर के अगले ही दिन साहस, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह मंगल 18 अगस्त को दोपहर करीब 03 बजे कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल के गोचर से मेष, मिथुन, कर्क और वृश्चिक राशि वालों के लिए अगस्त का महीना शुभ रहने वाला होगा।
शुक्र का उदय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अगस्त के महीने में ही शुक्र का उदय भी होगा। शुक्र 18 अगस्त को शाम 7:17 मिनट पर कर्क राशि में उदय हो जाएंगे। शुक्र ग्रह के उदय होने पर कुछ राशि के जातकों के जीवन में सुख-सुविधा और ऐशोआराम में वृद्धि होगी।
बुध ग्रह होंगे वक्री
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि बुद्धि, वाणी और व्यापार के कारक 24 अगस्त 2023 को रात 12:52 मिनट पर सिंह राशि में उल्टी चाल चलना आरंभ कर देंगे। बुध की वक्री चाल से कुछ राशि के जातकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि व्यापार में तेजी आएगी। देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी। प्राकृतिक घटनाएं होगी। भूकंप आने की संभावना है। तूफान, बाढ़, भूस्खलन, पहाड़ टूटने, सड़के और पुल भी टूटने की घटनाएं हो सकती हैं। यातायात से जुड़ी बड़ी दुर्घटना होने की भी आशंका है। बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है। शासन-प्रशासन और राजनैतिक दलों में तेज संघर्ष होंगे। सामुद्रिक तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। खदानों में दुर्घटना और भूकंपन से जन-धन हानि होने की आशंका बन रही है। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा।
क्या करें उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए।