कृषक नेता सरवन सिंह पांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ह्रदयस्पर्शी अपील की है। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि वे अपनी जायज मांगों, खासकर एमएसपी गारंटी के लिए विरोध कर रहे किसानों पर अत्याचार न करें। पांधी ने मोदी को किसानों की उस महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाई जो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने में निभाई थी और चेतावनी दी कि राष्ट्र भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र की उपेक्षा को माफ नहीं करेगा।
हरियाणा के गांवों में उनके मार्च को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए पांधी ने उनके विरोध को शांतिपूर्ण बताया। उन्होंने मोदी से संविधान को बनाए रखने और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर बढ़ने की अनुमति देने की恳 ि की, उनके मौलिक अधिकारों पर जोर देते हुए।
पांधी ने वार्ता और चर्चा में उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद गतिरोध को रेखांकित किया, यह संकेत देते हुए कि उनकी मांगों को पूरा करने की गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है। उन्होंने राष्ट्र के बजट की तुलना में उनके अनुरोधों की मामूलीपन पर जोर दिया और दिल्ली की ओर उनकी प्रगति में बाधा डालने वाली बाधाओं को हटाने की अपील की।
पिछले झड़पों और आंसू गैस हमलों से बेखौफ किसानों ने खुद को बुलडोजर और गैस मास्क से लैस कर लिया है, जो रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा का सामना करने के लिए तैयार हैं। इस बीच, पुलिस ने विभिन्न सीमाओं पर तैनात हजारों कर्मियों, कंक्रीट बैरिकेड्स और शिपिंग कंटेनरों के साथ अपने बचाव को मजबूत कर दिया है।
कानूनी जांच और पुलिस सावधानियों के बीच, किसानों का दृढ़ संकल्प अटूट बना हुआ है क्योंकि वे अपने हक और सम्मान के लिए एक अटूट संघर्ष का प्रतीक बनकर अपने ‘दिल्ली चलो’ मार्च में बने हुए हैं।