How To Worship Lord Vishnu, Vrat And Puja Vidhi
मलमास, अधिकमास या पुरुषोत्तम मास सितंबर में प्रारंभ होने जा रहा है इस माह में शुभ कार्य नही होते किंतु भगवान विष्णु की आराधना इस माह में उत्तम मानी गई हैं। भगवान विष्णु के नाम पर ही इस माह का नाम पुरुषोत्तम मास पड़ा है। कहा जाता है कि इस मास को कही स्थान प्राप्त नही हो रहा था तब भगवान विष्णु के पास जाने पर इसे भगवान श्रीहरि ने अपने चरणों में स्थान दिया और इसी वजह से इसे उनके नाम पर पुरुषोत्तम कहा जाता है। यहां हम आपको इस माह में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनके पूजन की विधि बताने जा रहे हैं ताकि आप इस माह में श्री हरि की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकें।
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देवी लक्ष्मी की कृपा Goddess Laxmi puja
ऐसी मान्यता है कि यदि भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं तो देवी लक्ष्मी की कृपा स्वयं ही होने लगती हैं। क्योंकि देवी लक्ष्मी विष्णु प्रिया हैं इसलिए वे उनके भक्तों को कभी निराश नहीं करतीं।
ये हैं पूजन विधि की वस्तुएं Vrat And Puja Vidhi
तांबे का लोटा तांबे का पात्र जल का कलश दूश देव मूर्ति को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र और आभूषण। अक्षत, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, पुष्प, तुलसी दल, तिल और जनेऊ आदि होना आवश्यक है अन्य चीजें भक्त अपने सामथ्र्य और पूजन विधि के अनुसार ले सकता है क्योंकि अलग-अलग पूजन का अलग-अलग महत्व है। अतः वस्तुएं भी उसी प्रकार से उपयोग जाती हैं।
बेहद ही आसान भगवान विष्णु का पूजन विधि easy tips for puja
भगवान विष्णु का पूजन कर रहे हैं तो संकल्प लेने की जरूरत होती है। इसलिए पूजन आरंभ करने से पूर्व संकल्प अवश्य लें। यह क्रिया बेहद ही आसान है और हाथ में चावल, फूल, दूर्वा आदि लेकर भगवान विष्णु का नाम लेकर संकल्प लिया जाता है। उसके पश्चात यदि आप स्वयं पूजा कर रहे हैं तो बारी-बारी से विभिन्न पूजन वस्तुएं भगवान विष्णु का मंत्र जाप करते हुए अर्पित करते जाएं।
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पीले वस्त्र अति प्रिय हैं Vishnu Vrat And Puja Vidhi
भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अति प्रिय हैं इसलिए उन्हें पीतांबर भी कहा जाता है अतः यदि आप पूजा में वस्त्र अर्पित कर रहे हैं तो पीले वस्त्र अर्पित करें ये भगवान श्री हरि को शीघ्र ही प्रसन्न करने वाले बताए गए हैं। नारायण की पूजा विधि बेहद ही आसान है किंतु यदि आप किसी विशेष व्रत का संकल्प ले रहे हैं या पूजा यज्ञ आदि कर रहे हैं तो विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें और उसी के अनुसार पूजन करें।