रक्षाबंधन पर मायके से ये 3 चीजें कभी मत लाना इससे पति हो जाता है बर्बाद || pradeep mishra/ Vastutips
आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी चीजों के बारे में जो रक्षाबंधन पर अगर एक बेटी अपने मायके से अपने ससुराल कभी लाती है तो उसके घर की बर्बादी तय है, आज का वीडियो बहुत ही ज्यादा खास है। जो बहन आज का वीडियो मिस करेगी तो उसे लाभ नहीं मिलेगा।
शास्त्रों में कुछ ऐसी चीजों का वर्णन है जो पत्नी को अपने मायके से कभी नहीं लानी चाहिए वरना यह पति की बर्बादी का कारण बन सकती है। हो सकता है पति कंगाल हो जाए। बेटियों के लिए हर माँ बाप का सपना होता है की उन्हें एक अच्छा ससुराल और प्यार करने वाला पति मिले। ससुराल में उनकी बेटी का मान सम्मान किया जाए।और ससुराल में कई खुशियां ही खुशियां हो लेकिन कई बार माँबाप कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जिसकी वजह से बेटी को और पति को जीवन भर दुख सहना पड़ सकता है। बेटी को दी गई कुछ चीजें के कारण उसके जीवन में खुशियों के बजाय दुख, दरिद्रता आने लगती हैं।
आइए जानते हैं कि बेटी को कौन सी चीजें गलती से भी नहीं देनी चाहिए। बेटियों को कभी घर की लक्ष्मी और भगवान गणेश नहीं देना चाहिए, नहीं तो घर की सुखशांति, सुख, समृद्धि सब नष्ट हो जाएगी। आप बाहर से खरीद कर उपहार में दे सकते हैं।लेकिन घर की कभी मत देना घर की सुख, समृद्धि, सुख, शांति घर में ही बनी रहे। अच्छा रहता है। इससे आपकी बेटी को भी नुकसान होगा और आपको भी दोनों बर्बाद हो सकते हैं। इसीलिए जब बेटी की शादी हो तो बाहर से देवी देवताओं के चित्र, मूर्ति आदि लाकर गिफ्ट या उपहार में दे सकते हैं,
लेकिन घर का कभी नहीं।बेटी को कभी भी मिर्च ना दें, इससे उसके शादीशुदा जीवन में कड़वाहट फैल सकती है। ऐसा माना जाता है कि बेटियों के साथ मिर्च देने से उसके और उसके पति के रिश्तों में तकरार होती है। बेटी को फल या सूखे मेवे दे सकते हैं, ये शुभ माना जाता है। लोग बेटी को गृहस्थी के लिए चूल्हा देते हैं, ऐसा कभी ना करें।चूल्हा देने से माना जाता है कि वे अपने परिवार में अपना चूल्हा अलग कर लें। चूल्हे की बजाय आप अन्य घर गृहस्थी से जुड़ी दूसरी चीजें दे सकते हैं। बेटी को भूल कर भी तेज धार वाली चीजें ना दें। इसका मतलब होता कि आप उसके रिश्तों में घुलने मिलने से रोक रहे हैं, आप अपनी बेटी को मीठी चीजें दे सकते हैं है।
इसके अलावा बेटी को भूलकर भी आचार दे देने से उसके रिश्ते में खटास आ जाती है।
जबकि आप खानेपीने की बाकी चीजें दे सकते हैं। दोस्तों अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि आपको आपके मायके से वह मान सम्मान नहीं मिलता है जिसके आप हकदार हैं और अब वही मान सम्मान पाना चाहते हैं।यह अगर महिलाओं को अगर किसी पत्नी को लगता है की आपके पति की इज्जत आपके घरवाले नहीं करते हैं तो आप यह बेहद सरल उपाय कर सकते हैं। कुछ ही दिन में आपको इसका असर देखने को मिलेगा। आपके पति को वह मान सम्मान आपके मायके में मिलेगा जिसके वह हकदार हैं।हर कोई चाहता है की समाज में सभी लोग उसका आदर करे और उसे मान सम्मान मिले। कई बार ऐसा होता है की नेगेटिव एनर्जी व्यक्ति को उचित मान सम्मान नहीं मिलता है।
वही ज्योतिष में कुछ ऐसे उपाय बताए गए है जिनके कारण व्यक्ति को मान, सम्मान, धन और नौकरी आदि सभी समस्याएं खत्म हो जाती है। साथ हीकाफी लोग आपका आदर भी करने लगते हैं।
तो आइए जानते हैं कि कुछ ऐसे उपायों के बारे में यदि आप चाहते हैं कि समाज में और आपके ससुराल में आपको मान सम्मान मिले तो आपको रात को सोते समय एक तांबे के बर्तन में पानी रखकर सोना है।और उस बर्तन में आपको सोने या चांदी का कोई सिक्का या आभूषण डाल देना है और सुबह उठकर सबसे पहले बिना मुख्य धोये यह उस जल को पी जाना है। ऐसा करने से व्यक्ति को उचित मान सम्मान की प्राप्ति होने लगती है। साथ ही इस उपाय से जितना भी तनाव आपके जीवन में है, वह भी समाप्त हो जाता है।आपके दिमाग में या आपके मन में कोई भी तनाव हो वो सब समाप्त हो जायेगा। रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रखें और सुबह वह पानी घर के बाहर फेंक दें।
ऐसा करने से वादविवाद या कोई व्यक्ति आपके ऊपर आरोप लगाता है तो वे भी सिद्ध नहीं होता है।इस उपाय को करने से आपको सभी प्रकार के वादविवाद से सुरक्षा मिलती है। इससे आपके ऊपर जितनी भी नकारात्मकता है या अगर घर में नकारात्मकता है, वो सब इस पानी के द्वारा घर से बाहर निकल जाएगी। रोजाना ये उपाय करें तो कुछ ही दिनों में आपको इसका असर दिखने लगेगा।भक्तों समाज में मान सम्मान की प्राप्ति के लिए सम्बन्धी समस्याओं के लिए अथवा अगर आपको नौकरी नहीं मिल रही, आपको कारोबार नहीं चल रहा है तो आप कबूतर और चिड़िया को चावल, बाजरा का मिश्रण डालना चाहिए। वहीं आपको बाजरा आपको शुक्रवार के दिन खरीदना है और शनिवार से यह प्रक्रिया शुरू करनी है।ऐसा करने से बहुत लाभ मिलता है और मान सम्मान के साथ ही धन संबंधी समस्याएं भी दूर हो जाती है। यदि आपको नौकरी नहीं मिल रही है तो आपको नौकरी भी मिल जाती है। साथ ही बुधवार के दिन गणपति जी को धूप अर्पित करने से व्यक्ति को मान सम्मान की प्राप्ति होती है।
और गलत समय पर राखी नहीं बांधना है, क्योंकि भद्रा काल का साया रहेगा। इस समय दोस्तों रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि रक्षाबंधन का त्यौहार भद्रा काल में भूलकर भी नहीं मनाना चाहिए। भद्रा काल में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधना।बेहद ही अशुभ माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है की भद्रा का त्याग करके ही रक्षाबंधन का पर्व मनाना चाहिए। इसके साथ ही रक्षाबंधन का त्यौहार किस दिन मनाया जाए, इस पर बहुत ज्यादा ही उलझन की स्थिति है। दोस्तों में इस बार कई लोगों का मानना है कि रक्षाबंधन 20 अगस्त को मनाना चाहिए।और वहीं कुछ लोगों का मानना है कि 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाना शुभ रहेगा। तो ऐसे में आज हम आपको इस वीडियो में बताएंगे कि रक्षाबंधन का त्यौहार किस दिन मनाया जाएगा और इसकी सही तारीख क्या है?
19 अगस्त या फिर 20 अगस्त?
साथ ही आज हम आपको भद्रा काल का भी समय बताएंगे क्योंकि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल का साया रहेगा। इसलिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आपके लिए जानना अति आवश्यक है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाईबहन के अटूट प्यार का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र यानी की राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की और स्वास्थ्य की कामना करती है।और भाई भी सदा अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।
दोस्तों आपको बता दें कि शास्त्रों में भद्रा काल में राखी का त्यौहार मनाना अशुभ बताया गया है। इसीलिए भूलकर भी भद्रा काल में आप अपने भाई को राखी कभी ना बांधे इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है।ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा काल में ही राखी बंधवाई थी और एक वर्ष के अंदर ही उनका विनाश हो गया था। इसके अलावा भद्रा जो कि शनिदेव की बहन है और उन्हें ब्रह्मा जी ने श्राप दिया है कि जो भी भद्रा के समय शुभ या फिर मांगलिक कार्य करेगा उसका परिणाम हमेशा ही अशुभ होगा।
इसीलिए आप गलती से भी भद्रा के समय रक्षाबंधन का त्यौहार न मनाए। दोस्तों रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाइयों पर राखी बांधती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। इसीलिए इस दिन भाईबहन दोनों को स्नान आदि करके और हो सके तो नए वस्तर पहनें।लेकिन याद रहे शुभ अवसर पर काले कपड़े ना पहने। वस्त्र पहनने के बाद मिलकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा से पहले आप पूजा की थाली अवश्य लगा ले और उसमें रोली, चंदन, अक्षत, राखी, मिठाई आदि और एक शुद्ध घी का दीपक भी जरूर रख ले।दीपक आप चाहे तो आटे का बना लें या माटी का या पीतल का जिससे आप अपने भाई की आरती करेंगी। दोस्तों अब आप इस पूजा की थाली को सबसे पहले भगवान को समर्पित करें और भगवान की कलाई पर पहली राखी बांधे या मंदिर में राखी चढ़ाएं। इसके बाद आप अपने भाई को पूर्व या फिर उत्तर की ओर मुक्त करके बैठायेऔर बहन का मुखपश्चिम की ओर होना चाहिए।
रक्षाबंधन पर सबसे पहले घर के मंदिर में पूजापाठ हो जाने के बाद भगवान गणेश को राखी अवश्य बांधे और फिर अंत में भाई की कलाई के लिए थाली सजाएं। फिर भाई को सबसे पहले तिलक करें, उन्हें रोली, चंदन और अक्षत लगाएं। उनके ऊपर थोड़े से फूल छिड़के।यदि फूल आदि ना हो तो चावल छिड़के और अंत में भाई की आरती करें। अब आप अपने भाई की दाईं हाथ की कलाई में राखी बांधे और इसके बाद भाई का मुँह मीठा कराएं। भाई के लिए मंगल काम ना करें दोस्तों राखी बांधने के बाद भाई भी अपनी बहनों को रक्षा का वचन दें की बहन तेरी सदा मैं रक्षा करूँगा।तुझे परेशान नहीं करूँगा, तुझे डाटूंगा नहीं मारूंगा नहीं तेरी हर जिद पूरी करूँगा, तेरी हर इच्छा पूरी करूँगा, माँ बाप को पूरा करूँगा पिता बनकर हर इच्छा पूरी करूँगा, माँ बनकर तेरा पालन पोषण करूँगा, जितना मुझसे होगा, उससे बढ़कर करूँगा और बहनों को उपहार वगैरह अवश्य भेंट करें। दोस्तों चलिए।
अब जानते हैं साल 2024 में रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा। दोस्तों पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 19 अगस्त की सुबह 3:04 पर हो रही है।और पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 19 अगस्त को ही रात में 11:55 हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर रक्षाबंधन का त्यौहार 19 अगस्त यानी सोमवार के दिन ही मनाया जायेगा। इसमें कोई भी कन्फ्यूजन नहीं है। रक्षाबंधन 2024 भद्रा का समयइस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा। रक्षाबंधन पर भद्रा के प्रारंभ का समय सुबह में 5:53 पर है। उसके बाद वह दोपहर 1:32 तक रहेगा। इस भद्रा का वास पाताल लोक में है। हालांकि कई विद्वानों का मत है।कि यदि भद्रा का वास स्थान, पाताल या फिर स्वर्ग लोक में है तो वह पृथ्वी पर रहने वाले लोगों के लिए अशुभ नहीं होती है, उसे शुभ ही माना जाता है।
लेकिन कई शुभ कार्यों में पाताल की भद्रा को नज़रअन्दाज़ नहीं करते हैं। आखिर हम हिंदू है तो हर शुभ कार्य का या अशुभ कार्य का पालन तो भैया करना ही पड़ता है। किसी भी शुभ या।अशुभ कार्य को नज़रअन्दाज़ तो नहीं कर सकते न दोस्तों? रक्षाबंधन के शाम पंचक भी है रक्षाबंधन वाले दिन शाम के समय में पंचक भी लग रहा है। पंचक शाम 7:00 बजे से शुरू होगा और अगले दिन सुबह 5:53 तक रहेगा।पंचक सोमवार को लग रहा है, जो राजपंचक होगा। इसको अशुभ नहीं माना जाता है। यह शुभ होता है।
दोस्तों अब जानते हैं सबसे इम्पोर्टेन्ट बात रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त देखिये 19 अगस्त को रक्षाबंधन का मुहूर्त दोपहर में 1:30 से लेकर रात 9:08 तक है।उस दिन भाइयों को राखी बांधने के लिए 7 घंटे अड़तीस मिनट तक का समय मिलेगा। दोस्तों इस बात का ध्यान रहे भद्रका में राखी बांधने से हमेशा घरपरिवार का विनाश ही होता है। इसीलिए भाई को इस समय कभी राखी न बांधे। पूरा घर परिवार कंगाल हो सकता है।
लंका पति रावण को इसी समय राखी बांधी गई थी इसीलिए उसके पूरे कुल का विनाश हो गया। इसीलिए समय के अनुसार ही रक्षा बंधन का त्यौहार मनाना बहुत ही शुभ और मंगलकारी रहेगा। थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन ये समय आपके भाई और आपके परिवार के लिए शुभ रहने वाला है।दोस्तों कई लोगों के यहाँ ये परंपरा होती है कि वे लोग सूर्यास्त होने के बाद रक्षाबंधन का त्योहार आदि नहीं मनाते लेकिन रक्षाबंधन यानी राखी बांधने का मुहूर्त 19 अगस्त को रात 9:08 तक का है तो इसमें आप सूर्यास्त के समय भी राखी बांध सकते हैं।
क्योंकि इस समय शुभ मुहूर्त पड़ रहा है और हमें मुहूर्त की अति आवश्यकता होती है। फिर मुहूर्त रात में पड़े या दिन में, मुहूर्त तो आखिर मुहूर्त है। दोस्तों मुहूर्त पर राखी बांधने से भाई को कई लाख गुना शुभ फलों की प्राप्ति होती है।उसका कभी अमंगल नहीं होता। ऐसी बहन का भाई जहाँ भी जाएगा दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की ही पाएगा ऐसा भाई लाखों करोड़ों में खेलेगा, रुतबा, पैसा, धन, दौलत सब कुछ कमाएगा राहु दोष, पितृदोष, नजरदोष, मंगल दोष।सब कुछ दूर रहेंगे। दोस्तों और रक्षा बंधन पर भाई को काली राखी नहीं बांधना चाहिए, शुभ नहीं माना जाता।
भाई की कलाई पर हमेशा लाल रंग की राखी बांधना बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है। दोस्तों और रक्षा बंधन के पावन अवसर पर उपहार में बहन को चाकू, छुरी आदि कभी नहीं देना चाहिए।
इससे जीवन पर नकारात्मकता का गहरा असर पड़ता है। ऐसे में बहन को सफेद कपड़ा भी उपहार में नहीं देना चाहिए। कोई चप्पल आदि भी नहीं देना चाहिए। उपहार में दक्षिणा सुंदर भेंट अवश्य देना चाहिए। एक प्यारी बहन ने अपने भाई को भाई बनाया।भाई का दर्जा दिया तो भाई अपनी बहन के लिए इतना तो कर ही सकता है। बड़ा सुकून और सुख मिलता है दोस्तों धर्म शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि बहन को राखी बांधने के लिए भाई के घर खुद बहन को जाना चाहिए।शास्त्रों के अनुसार वेद पुराण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो बहन रक्षाबंधन पर खुद नहीं जाती और भाई आता है बहन के घर तो उस बहन को दोष लग जाता है।