मेरठ. एक चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं। यह मेरठ के बागपत रोड का है, जहां पर हिंदू समाज के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए कई जगहों पर चंदा मामने पहुंचे थे। इसी बीच एक मुस्लिम महिला का भी घर आया तो उन्होंने वहां से भी चंदा मांग लिया। इस घर में सांप्रदायिक सौहार्द की सबसे बड़ी मिसाल मिली। अब तक मुस्लमानों के बारे में कई दूसरी बातें देखने को मिलती हैं, लेकिन यहां तो नजारा कुछ और ही था।
मेरठ में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है, जो दूसरे धर्मों का भी सम्मान करते हैं। मंदिर बनाने के लिए चंदा मांगने आए युवकों को उन्होंने किसी भी दूसरी भावना मन में लाए ही उनकी सहायता करने का मूड बना लिया और चंदा मांगने आए हिंदू भाईयों को अपनी जमीन देने का एलान कर दिया।
हालांकि चंदा मांगने आए लोग भी हैरान थे, क्योंकि उन्होंने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि इस घर से इतनी सहायता मिलेगी। मुस्लिम महिला ने यह भी कहा कि मंदिर बहुत अच्छा बनाना। और हमारी जमीन पर बनाओगे तो अच्छा लगेगा।
मुस्लिम महिला ने कितनी दी जमीन
उत्तर प्रदेश के मेरठ में 67 वर्षीय मुस्लिम महिला अकबरी ने खुशी खुशी मंदिर बनाने में बड़ा सहयोग करते हुए अपनी 150 गज जमीन दान कर दी है। बताया जाता है कि इससे पहले भी अकबरी ने एक बार मस्जिद के लिए भी जमीन दान की थी। उनकी समाज में बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है। हाल ही में उनकी जमीन पर मंदिर बनाने का काम शुरु हो गया है। वे बीच बीच में जाकर देखती हैं कि मंदिर निर्माण का काम कैसा चल रहा है। अकबरी के इस निर्णय के कारण उनकी सभी जगह पर वाहवाह हो रही है। यह बागपत रोड पर मुस्लिम बाहुल्य वाले इलाके सिवालखास में निवास करते हैं। यहां के सेवानिवृत्त शिक्षक आस मोहम्मद ने कहा कि कुछ दिन पहले क्षेत्र में लोग मंदिर बनाने के लिए सहयोग राशि मांगने आए थे। उस वक्त वे लोग घर में नहीं थे। लेकिन घर में उनकी पत्नी थीं। उनसे चंदा मंगने वालों ने कहा कि मंदिर बनाना है, इसके लिए जमीन भी खरीदना है। इस काम में आप भी सहयोग कीजिए। तब उनके मन में यह ख्याल आया कि जमीन हम दे सकते हैं और पति के आने के बाद बात की और कर दिया। उन्होंने मंदिर के लिए अपने खेत से 150 गज जमीन दी और उसी जमीन पर मंदिर बनाने का काम किया जा रहा है। दान की जमीन का शपथ पत्र भी दिया गया है।
दूसरे धर्मों की भी इज्जत
पत्नी अकबरी की भावनाओं का सम्मान रखते हुए सहमति जता दी। इसके बाद अकबरी ने मंदिर निर्माण के लिए सौ गज भूमि दान दे दी। आजकल भूमि पर मंदिर की नींव भरी जा रही है। इस संबंध में अकबरी ने बताया कि वह अपने धर्म में पूरी तरह विश्वास रखती हैं। वहीं, दूसरे धर्मों की भी इज्जत करती हैं। उन्हें अल्हा ने सब कुछ दिया है। उनका परिवार समय-समय पर मस्जिदों के लिए दान देता है। पहली बार उनके पास कोई मंदिर निर्माण के लिए दान मांगने आया।
उन्होंने मंदिर के लिए भूमि दे दी। अकबरी के पुत्र दीन मोहम्मद ने बताया कि काफी समय पहले उनके पिता ने इस भूमि को कस्बा निवासी सुशील गुप्ता से खरीदा था। इसे उन्होंने अपनी पत्नी के अकबरी के नाम कराया था। वहीं, मंदिर के लिए मुस्लिम महिला द्वारा भूमि दान करना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।