वैधृति योग में देवी की स्थापना निषेध बताई गई है।आगम एवं सुक्ष्म ज्योतिषी गणना के अनुसार वैधृति योग के पूर्वार्द्ध में घटस्थापना निषिद्ध है। वैधृति योग का पूर्वाद्ध सुर्योदय के पूर्व ही समाप्त हो जायेगा। जिससे घटस्थापना के शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
✨प्रातः 6 बजकर 11 मिनट से प्रातः 10 बजकर 23 मिनट तक
और
अभिजित मुहूर्त-
✨दोप- 12 बजकर 03 मिनट से दोप⋅ 12 बजकर 54 मिनट तक है।
यह दोनो ही मुहूर्त श्रेष्ठ है। इसमे अपनी कुलपरंपरा एवं गुरु परंपरा के अनुसार घटस्थापना करे।
पिंगल नाम संवत्सर के राजा-मंगल एवं मंत्री-शनि है।
राजा मंगल के फलस्वरूप – अग्नि, रोग एवं चौरादि के भय व्याप्त होगे।खण्डवृष्टि के योग बनेंगे। युद्ध व सामाजीक अनाचार में वृद्धि होगी । भूकंप एवं अग्निकाण्ड भी होंगे।
मन्त्री शनि के फलस्वरूप – शासकों में विनम्रता में कमी आयगी ।उनके कटु निर्णय से प्रजाजन में असन्तोष होगा। राजाओ को भय होगा। कहीं-कही वृष्टी में न्यूनता आएगी।
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माँ जगदम्बा का आगमन इस वर्ष घोड़े पर हो रहा है। जिसे शुभ नहीं माना जाता। यह राजनितीक उथल-पुथल, युद्ध और आपदाओं का घोतक है।
और माँ का प्रस्थान हाथी पर हो रहा है। जो कि शुभ संकेत है। यह अच्छी बारिश, खुशहाली व तरक्की का संकेत देता है।
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नवरात्र में अपने क्षेत्र के विद्वान ब्राम्हणो द्वारा दुर्गासप्तशति का पाठ व हवन करवाए। आप स्वयं भी पूर्ण पवित्रता के साथ दुर्गासप्तशति का पाठ कर सकते है। अगर संस्कृत पढ़ने में कठिनाई होती है तो गीताप्रेस की दुर्गासप्तशति से हिन्दी में भी पाठ कर सकते हैं।
✨माँ जगदम्बा का लालचन्दन, कनेर के पुष्प , गुडहल के पुष्प व बिल्वपत्र से पुजन करे।✨
हिन्दू नववर्ष के पुनित अवसर पर अपने घरो की छत पर भगवा ध्वज 🚩लगाए
अगर आप किसी योग्य गुरु से आगम (तन्त्र) मार्ग में दिक्षित है तो ही तन्त्र साधना करे। अन्यथा तन्त्र, मन्त्र, टोने-टोटके के चक्कर मे ना पड़े।
शक्ति की उपासना गुरु प्रदत्त मार्ग से ही की जानी चाहीये। यही शास्त्र आज्ञा है। या अपने क्षेत्र के विद्वान ब्राम्हण के परामर्श लेकर उपासना की जानी चाहीये।
सोशल मिडीया में चल रहे कुछ भी मन्त्र, तन्त्र, टोने-टोटके मे नही पडना चाहीये।
चैत्र नवरात्र में सिर्फ रामरक्षा स्तोत्र के पाठ कर भी आप पूर्ण रूप से लाभान्वित हो सकते है।
🪷माँ जगदम्बा की प्रसन्नता के लिये माई को नवरात्र मे प्रतिदिन निम्न भोग लगाए।
तिथि – भोग – फल
प्रतिपदा – गौ घृत – निरोगता
द्वितीया – शक्कर – दीर्घायु
तृतीया – दूध – दुखो से निवृत्ति
चतुर्थी – मालपुआ – विघ्नों का नाश
पंचमी – केला – बुद्धि का विकास
षष्ठी – मधु (शहद) – सुन्दर व्यक्तित्व
सप्तमी – गुड़- शोक से मुक्ती
अष्टमी – नारियल- सन्ताप का निवारण
नवमी – धान का लावा – उभय सूख
✨हिन्दु नववर्ष (गुड़ी पडवा) की सकल हिन्दु समाज को बहुत-बहुत शुभकामना, मंगल कामना, बधाई।✨
🚩 जय माई की🚩
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✨आपका सनातनी भाई🚩
कपिल शर्मा (काशी महाराज)
Mo 9630101010