धर्म कथाएं

शांतनु भीष्म पितामह के पिता थे और……

भष्म पितामह के पिता राजा शांतनु पहले गंगा से विवाहित थे। पूर्व जन्म में राजा महाभिषक बनकर ब्रह्मा की सेवा करते हुए वे गंगा के प्रति आकर्षित हुए, परंतु ब्रह्मा द्वारा शापित होकर नरक भोगने का दंड पाया। अगले जन्म में वे राजा प्रतीप के पुत्र शांतनु के रूप में जन्मे और गंगा से विवाह किया। गंगा ने एक वचन लिया कि वह कभी उनके प्रश्नों का उत्तर नहीं देंगी। राजा शांतनु सहमत हुए।

 

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गंगा ने उन्हें आठ पुत्र प्रदान किए, लेकिन पहले सात को बिना किसी स्पष्टीकरण के नदी में बहा दिया। राजा, प्रतिज्ञाबद्ध होने के बावजूद, शांत रहे। परंतु, जब आठवें पुत्र के साथ भी यही करने का प्रयास किया, तो क्रोधित होकर कारण जानना चाहा। तब गंगा ने उनके पिछले जन्मों, ब्रह्मा के शाप और अपने कर्तव्य के बारे में बताया। अंततः, वे आठवें पुत्र को लेकर चली गईं।


 

यह कहानी जीवन के चक्रीय स्वरूप और पूर्व कर्मों के परिणामों को दर्शाती है। साथ ही, रिश्तों में विश्वास और संवाद के महत्व को भी रेखांकित करती है।

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