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शिर्डी के साईं बाबा के चमत्कारों की सच्ची घटनाएं (shirdi sai baba ke chamatkar)

shirdi sai baba ke chamatkar साईं बाबा के कई चमत्कारी किस्से लोग आज भी सुनाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही कुछ चमत्कारों को बारे में बताएंगे. जो साईं बाबा ने अपने भक्तों की मदद

(shirdi sai baba) शिर्डी में साईं बाबा का भव्य मंदिर स्थापित है वो कौन थे किस सम्प्रदाय के थे, कहां से आए थे इसकी सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है लेकिन देश-विदेश के लाखों लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं. कहते हैं (shirdi sai baba ke chamatkar) शिर्डी में साईं बाबा ने हमेशा जरूरतमंदों की मदद की और दूसरों को भी मदद करने के लिए प्रेरित किया. साईं बाबा के कई चमत्कारी किस्से लोग आज भी सुनाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही कुछ चमत्कारों को बारे में बताएंगे. जो साईं बाबा ने अपने भक्तों की मदद करने के दौरान शिर्डी में किए थे.

पहली चमत्कार (shirdi sai baba ke chamatkar)

कहते हैं साईं बाबा प्रतिदिन एक धर्मस्थल में दिया जलाया करता थे जिसके लिए वो गांव के ही दुकानदारों से तेल भिक्षा में मांगते थे. एक बार उन्हें कहीं से भी तेल प्राप्त नहीं हुआ उस दिन साईं बाबा ने दिया जलाने के लिए दिये में तेल की जगह पानी भर दिया. पानी से भी दिया तेल की तरह ही जलने लगा. ये बात धीरे-धीरे पूरे गांव में फैल गई. जब तेल बेचने वाले दुकानदारों तक ये बात पहुंची तो वो साईं बाबा के पास आए और अपने झूठ के लिए माफी मांगी. साईं बाबा ने उनकी गलती के लिए उन्हें माफ किया और कभी भी झूठ न बोलने की सलाह दी. (shirdi sai baba ke chamatkar)

दूसरा चमत्कार (shirdi sai baba ke chamatkar)

कहते हैं एक बार साईं बाबा का एक भक्त अपनी पत्नी को किसी दूसरे गांव से साईं बाबा के दर्शन कराने के लिए शिर्डी आया था. वापस जाते समय बहुत तेज बारिश होने लगी और वो लोग परेशान हो गए. जब साईं बाबा ने उनको परेशान देखा तो कहा मालिक बारिश रोक दो मेरे बच्चों को घर जाना है. साईं बाबा के ये कहते ही बारिश बंद हो गई.

तीसरी चमत्कार (shirdi sai baba ke chamatkar)

एक बार एक बच्ची खेलते-खेलते पास बने कुंए में गिर गई लोगों को लगा की वो कुंए में डूब गई होगी तो उसे बचाने के लिए दौड़े लेकिन जब लोग कुंए के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि लड़की डूबी नहीं है बल्कि बीच में हवा में लटकी है. किसी अदृश्य शक्ति ने बच्ची का हाथ थामा हुआ है. वो लड़की साईं बाबा की भक्त थी और उसे बचाने वाले भी साईं बाबा ही थे.

चौथा चमत्कार (shirdi sai baba ke chamatkar)

कहते हैं एक बार साईं बाबा ने 3 दिनों के लिए समाधी धारण की थी लेकिन इसके पहले उन्होंने अपने भक्त म्हालसापति से कहा कि यदि मैं 3 दिन में वापस न लौटूं तो मेरे शरीर को साईं बाबा द्वारा बताई गई जगह पर दफना देना. लेकिन तीन दिनों तक मेरे शरीर की रक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी होगी. साईं बाबा की समाधि के दौरान एक वक्त ऐसा आया जब साईं बाबा की सांसें थम गईं. ये बात पूरे शिर्डी में आग की तरह फैल गई. लोग बाबा का अंतिम संस्कार करने की बात कहने लगे, गांव में खूब विवाद हुआ, लेकिन म्हालसापति जी ने कहा कि वो तीन दिन तक बाबा के शरीर को किसी को भी हाथ लगाने नहीं देंगे और साईं बाबा का सिर वो अपनी गोद में लेकर तीन दिन-तीन रात तक बैठे रहे. तीन दिनों की समाधि के बाद जब साईं बाबा ने आंखें खोली तो लोग खुशी से झूम उठे.

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पांचवां चमत्कार (shirdi sai baba ke chamatkar)

कहते हैं एक बार साईं बाबा का हाथ जल गया था तब गांव के ही भागोजी शिंदे साईं बाबा के हाथ में रोज घी लगाते थे और पट्टी करते थे. चुंकि भागोजी शिंदे एक कुष्ठ रोगी थे लिहाजा साईं बाबा के भक्त चांदोरकरजी मुबंई से अपने साथ एक डॉक्टर लेकर शिर्डी पहुंचे ताकि साईं बाबा का इलाज अच्छी तरह से हो सके. लेकिन साईं बाबा ने डॉक्टर से इलाज कराने के लिए मना कर दिया और भागोजी शिंदे के हाथों की घी और पट्टी करा उनका हाथ पूरी तरह ठीक हो गया. शिर्डी में साईं बाबा ने कई चमत्कारिक घटनाएं दिखाई हैं जो एक साधारण इंसान के लिए करना नामुमकिन है. साईं बाबा ने कभी खुद को भगवान नहीं कहा वो हमेशा अपने आप को मालिक का बंदा कहते थे. (shirdi sai baba ke chamatkar)

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