2024 का साल खगोलीय घटनाओं से सजा होगा, लेकिन उनमें से सबसे भव्य होगा 8 अप्रैल को घटने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण। यह दुर्लभ घटना कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और मेक्सिको से होकर गुजरेगी, जिससे पूरे उत्तरी अमेरिका में खगोल प्रेमियों को रोमांचित कर देगी। हालांकि, दुर्भाग्य से भारत में रहने वालों को इस ग्रहण का प्रत्यक्ष अनुभव नहीं हो पाएगा।
पूर्ण सूर्यग्रहण दुर्लभ क्यों है? क्योंकि वैज्ञानिकों के अनुसार, हर 18 महीने में एक बार चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को आंशिक रूप से रोकता है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है कि वह पूरी तरह से सूर्य को ढक ले, जिससे पृथ्वी पर पूर्ण अंधकार छा जाता है। ऐसी घटनाओं को धरती पर देखना और भी मुश्किल है, क्योंकि हमारा अधिकांश ग्रह महासागरों से घिरा है। ऐसे में यदि आप ग्रहण के मार्ग के नजदीक रहते हैं तो यह बड़ा सौभाग्य माना जाता है, और आपको दूर की यात्रा करने की भी आवश्यकता नहीं होती।
नासा के अनुसार, एक ही स्थान से दो पूर्ण सूर्यग्रहणों को देखने के बीच औसतन 375 वर्ष का समय लगता है, और कभी-कभी यह अंतर और भी अधिक हो सकता है। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सीधे सूर्य के पीछे आ जाता है, जिससे पृथ्वी क्षणभर के लिए पूर्ण अंधेरे में घिर जाती है। हिंदू वैदिक ज्योतिष में इस घटना को खग्रास कहा जाता है। 8 अप्रैल करीब आते ही खगोल प्रेमियों में इस दुर्लभ खगोलीय घटना को देखने की उत्सुकता बढ़ती जा रही है।