शनिदेव की पूजा कैसे की जाती है?

शनिदेव की पूजा कैसे की जाती है?

भगवान शनि का महत्व: हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान शनि के महत्व और उनकी पूजा करने के कारणों को समझें।

पूजा सामग्री: काले तिल, सरसों का तेल, काला कपड़ा, फूल, और अगरबत्ती सहित सभी आवश्यक पूजा सामग्री इकट्ठा करें।

पूजा का समय और स्थान: पूजा करने के लिए एक शुभ मुहूर्त और एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें।

पूजा का समय और स्थान: पूजा करने के लिए एक शुभ मुहूर्त और एक स्वच्छ और शांत स्थान चुनें।

शुद्धि: पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें और खुद को शुद्ध करें।

शुद्धि: पूजा शुरू करने से पहले स्नान करें और खुद को शुद्ध करें।

शनि मंत्र: शनि मंत्र का जाप करके उनकी कृपा प्राप्त करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।

शनि मंत्र: शनि मंत्र का जाप करके उनकी कृपा प्राप्त करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।

दीया जलाना: सरसों के तेल से एक दीया जलाएं और इसे भगवान शनि की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें।

दीया जलाना: सरसों के तेल से एक दीया जलाएं और इसे भगवान शनि की मूर्ति या तस्वीर के सामने रखें।

काले तिल चढ़ाएं: शनिदेव को काले तिल अर्पित करें और थोड़े से दीये पर भी छिड़कें।

काले तिल चढ़ाएं: शनिदेव को काले तिल अर्पित करें और थोड़े से दीये पर भी छिड़कें।

फूल चढ़ाएं: भगवान शनिदेव को फूल चढ़ाएं और उनसे उनकी मूर्ति या तस्वीर को सजाएं।

फूल चढ़ाएं: भगवान शनिदेव को फूल चढ़ाएं और उनसे उनकी मूर्ति या तस्वीर को सजाएं।

दान: पूजा के एक भाग के रूप में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे का दान करें।

दान: पूजा के एक भाग के रूप में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे का दान करें।

उपवास: शनिवार का व्रत रखें, जिसे शनिदेव का दिन माना जाता है।

उपवास: शनिवार का व्रत रखें, जिसे शनिदेव का दिन माना जाता है।

अनुष्ठान: अपने परिवार की परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा अनुष्ठान करें।

अनुष्ठान: अपने परिवार की परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा अनुष्ठान करें।

निष्कर्ष: भगवान शनि का आशीर्वाद मांगकर और उनकी कृपा के लिए उन्हें धन्यवाद देकर पूजा का समापन करें।