ये हैं भगवान श्री कृष्ण की 9 पटरानियां, हर एक की अपनी अनोखी कहानियां।

ये हैं भगवान श्री कृष्ण की 9 पटरानियां, हर एक की अपनी अनोखी कहानियां।

रुक्मिणी

देवी राधा भगवान श्री कृष्ण की प्रिय थीं, लेकिन श्री कृष्ण की प्रमुख पत्नी रुक्मिणी थी। रुक्मिणी विदर्भ देश की राजकुमारी थीं और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को पति मान लिया था। उनके भाई रुक्मी चाहते थे कि वह शिशुपाल से विवाह करें, लेकिन श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को हराकर उनसे विवाह किया।

कालिंदी

देवी कालिंदी, भगवान श्रीकृष्ण की दूसरी पत्नी के रूप में जानी जाती हैं। वे भगवान सूर्य देव की सन्तान हैं। उन्होंने श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थीं। इससे प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने सूर्य से कालिंदी की मांग की थी।

मित्रविंदा

भगवान श्री कृष्ण की तीसरी पत्नी मित्रवृंदा उज्जैन की राजकुमारी थीं। उन्होंने स्वयंवर में भाग लिया था और भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें अपनी पत्नी बनाया था।

सत्या:

भगवान श्री कृष्ण की चौथी पत्नी का नाम सत्या था। उन्होंने काशी के राजा नग्नजित की पुत्री से विवाह किया, जिसकी शर्त थी कि जो सात बैलों को एक साथ नथे सकेगा, वही उनका पति होगा। श्री कृष्ण ने इस शर्त को पूरा करके सत्या से विवाह किया था।

जामावती

ऋक्षराज जाम्बवंत की पुत्री जामवती श्री कृष्ण की पांचवी पत्नी थीं। उनके बीच स्यमंतक मणि के लिए युद्ध हुआ, जिसमें जामवंत ने जाना कि श्री कृष्ण उनके आराध्य श्री राम हैं। इसके बाद जामवंत ने जामवती को श्री कृष्ण से विवाह कर दिया।

रोहिणी

श्री कृष्ण की छठी पत्नी का नाम रोहिणी था। वह गय देश के राजा ऋतुसुकृत की पुत्री थीं। इनको कई जगहों पर कैकेयी और भद्रा भी कहा जाता है। रोहिणी ने स्वयंवर में श्री कृष्ण को अपना पति चुना था।

सत्यभामा:

भगवान श्री कृष्ण की सातवीं पत्नी सत्यभामा थीं। वह सत्राजित की पुत्री थी। जब श्री कृष्ण ने गलत आरोप लगाए जाने पर सत्राजित द्वारा, तो स्यमंतक मणि को लौटाने पर उन्होंने सत्यभामा को श्री कृष्ण से विवाह कर लिया।

लक्ष्मणा

श्री कृष्ण की आठवीं पत्नी का नाम था लक्ष्मणा। उन्होंने स्वयंवर में भगवान श्री कृष्ण को गले में वरमाला पहनाकर उन्हें अपने पति के रूप में चुना था।

शैब्या (गांधारी)

भगवान श्रीकृष्ण की नौवीं पत्नी का नाम शैव्या है, जिन्हें राजा शैव्य की कन्या कहा जाता है। इसी कारण उन्हें शैव्या भी कहा जाता है, लेकिन उनका एक अन्य नाम भी गांधारी है।