साईं बाबा एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता और संत थे, जो 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में शिरडी, महाराष्ट्र, भारत में रहते थे।

 साईं बाबा की महासमाधि कब हुई थी?

 साईं बाबा की महासमाधि कब हुई थी?

 15 अक्टूबर, 1918 को, साईं बाबा का 83 वर्ष की आयु में शिरडी में उनके समाधि मंदिर (मकबरे) में निधन हो गया।

 साईं बाबा के निधन की खबर तेजी से फैली और पूरे भारत से हजारों भक्त उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

 उनकी मृत्यु के बाद, साईं बाबा की शिक्षाएँ और चमत्कार और भी प्रसिद्ध हो गए, और उनके भक्त उनकी शिक्षाओं का पालन करते रहे और उनका संदेश फैलाते रहे।

 आज, साईं बाबा दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा पूजनीय हैं, और प्रेम, करुणा और निस्वार्थ सेवा की उनकी शिक्षाएं सभी धर्मों के लोगों को प्रेरित करती रहती हैं।

 उनकी महासमाधि के दिन, शिरडी में एक विशाल जुलूस निकाला गया और साईं बाबा के शरीर को एक पालकी में सड़कों पर ले जाया गया।

 उसके बाद उनके शरीर को समाधि मंदिर में एक विशेष रूप से निर्मित मकबरे में रखा गया, जो उनके अनुयायियों के लिए तीर्थ स्थान बन गया।

 आज, समाधि मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, और हर दिन हजारों भक्त साईं बाबा को सम्मान देने के लिए आते हैं।

 साईं बाबा की शिक्षाओं ने निस्वार्थ सेवा, भक्ति और विश्वास के महत्व पर जोर दिया, और वह अपने चमत्कारों और अनगिनत आशीर्वादों के लिए जाने जाते हैं जो उन्होंने अपने भक्तों को दिए।

 उनका जीवन और शिक्षाएं दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करती हैं, और उनकी विरासत उन लाखों लोगों के माध्यम से जीवित है जो उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं और उनकी स्मृति का सम्मान करते हैं।