ganesh chaturthi 2020 in hindi
दस दिनी गणेशोत्सव की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर 22 अगस्त 2020 शनिवार से हो रही है। इस वर्ष मंगल कार्य में विघ्न डालने वाली शनि की बहन भद्रा के बीच हस्त नक्षत्र में विघ्नहर्ता श्री गणेश घर-घर में विराजेंगे। इस मौके पर साध्य योग रहेगा। चतुर्थी तिथि 21 अगस्त से प्रारंभ भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 अगस्त को रात्रि 11.03 बजे से प्रारंभ होकर 22 अगस्त को सायं 7.56 बजे तक रहेगी। इस दिन नीमच के निर्णय सागर पंचांग के अनुसार भद्रा सुबह 9.30 से शाम 7.57 बजे तक, जबकि उज्जैन के पंचांग के मुताबिक भद्रा दोपहर 12.05 से रात 9.34 बजे तक रहेगी। 21 अगस्त को रात 9.28 बजे से हस्त नक्षत्र प्रारंभ होकर 22 अगस्त को सायं 7.10 बजे तक रहेगा। इस दिन रात्रि में चंद्र दर्शन निषेध माना गया है।
भद्रा को ब्रह्माजी ने दिया था वरदान, story of ganesh chaturthi in hindi
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि भद्रा भगवान सूर्यनारायण की पुत्री और शनि देव की सगी बहन है। भद्रा को ब्रह्माजी ने वरदान दिया था कि जो व्यक्ति तुम्हारे समय में यात्रा, गृह प्रवेश, खेती, व्यापार, उद्योग की शुरुआत करेगा, तुम उसमें विघ्न डालोगी। तुम्हारा जो अनादर करे, उसका कार्य ध्वस्त होगा। भद्रा शुक्ल पक्ष में वृश्चिकी नाम की एवं कृष्ण पक्ष में सर्पिणी नाम की होती है। भद्रा वृश्चिकी नाम की है तो इसके पृष्ठ भाग में ही मंगल कार्य निषेध कहा गया है। भद्रा में राखी बांधना और होलिका दहन सहित दाह संस्कार करना भी वर्जित माना गया है। चतुर्थी पर भद्रा की मौजूदगी में भगवान गणेश की स्थापना की जा सकती है। उनका पूजन संकट निवारण के लिए किया जाता है। इसलिए गणेशजी की पूजा में भद्रा का दोष नहीं लगता है।
चौघड़िया के अनुसार ,महुर्त
शुभ प्रात: 7.43 से 9.18 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.04 से 12.55 तक
चर दोपहर 12.29 से 2.05 बजे तक
लाभ दोपहर 2.05 से 3.40 बजे तक
अमृत दोपहर 3.40 से सायं 5.16 बजे तक
लाभ सायं 6.51 से रात्रि 8.16 बजे तक
पंडित डॉ. कपिल शर्मा काशी महाराज महू