कोटा में एक दुखद घटना सामने आई जब एक जेईई अभ्यर्थी ने अपनी जान ले ली और अपने माता-पिता से माफी मांगते हुए एक दिल दहला देने वाला सुसाइड नोट छोड़ दिया। शिव विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहने वाली लड़की 30-31 जनवरी को होने वाली जेईई परीक्षा के लिए लगन से तैयारी कर रही थी। उसके प्रयासों के बावजूद, पढ़ाई का तनाव उस पर हावी हो गया, जिसके कारण उसने सोमवार सुबह अपने कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय लिया।
उसके कमरे से बरामद सुसाइड नोट से उसके शैक्षणिक दबाव और अपर्याप्तता की भावनाओं से जूझने का पता चला। वह तीन बहनों में सबसे बड़ी थीं और उनके पिता कोटा में एक निजी बैंक में गनमैन के रूप में काम करते थे। मूल रूप से झालावाड़ जिले के अकावदाखुर्द गांव का रहने वाला परिवार तीन साल से कोटा में रह रहा था।
उसके चचेरे भाई के अनुसार, वह प्रतिदिन 7-8 घंटे अपनी पढ़ाई को समर्पित करती थी और पिछले वर्ष कम अंक आने के कारण 12वीं कक्षा दोबारा दे रही थी। यह दुखद खोज उसकी दादी को तब हुई जब उसने लड़की को वेंटिलेशन खिड़की से लटका हुआ पाया।
यह घटना कोचिंग संस्थानों के लिए मशहूर शहर कोटा में किसी कोचिंग छात्र द्वारा की गई दूसरी आत्महत्या है। ऐसे मामलों की व्यापकता अकादमिक उत्कृष्टता की खोज में छात्रों पर पड़ने वाले भारी दबाव को उजागर करती है।